Unspoken words
Wednesday, 26 May 2021
बाकी हैं
ना जाने किन मंजिलो की तलाश है ,
और कहाँ अभी पहुंचना बाकी है ,
सुना है सौ रास्ते जाते हैं उसकी जानिब की तरफ,
मुझे एक भी ना मिला ,
लगता है नासमझ कदमो का अभी भटकना बाकी हैं |
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