Tuesday, 28 January 2020

मुस्कुराहट

जरा मुस्कुरा कर देखिए
ज़िन्दगी और भी अज़ीज़ लगेगी
जो वक्त के साथ न भरे
वो जख्म भी बे फिजूल से लगेंगे
जो साथ नही है वो पराए
भी अपने से लगेंगे
राह की बात क्या कहे अब हम
मुस्कुराहट के साथ तो
ज़िन्दगी और भी अज़ीज़ लगेगी |