कभी इस पार कभी उस पार
तुम झाक कर तो देखो
उन पुराने किस्सो को तुम दोहरा कर तो देखो
जिन्दगी के उन हसीन झरोखो को खोल कर तो देखो
कभी इस भागदौड मे तुम शांति से बैठ कर तो देखो
खुद के पास तुम दुबारा लौट कर तो देखो
जिन्दगी तो चलती जाएगी साहब
तुम कभी रूक कर तो देखो |